Sabse Rahasyamai Ghatna
D.B Cooper Mystery: क्या कोई व्यक्ति एक उड़ते विमान से पैराशूट के जरिए कूद सकता है और फिर दशकों तक उसका कोई पता नहीं लग सकता? यह कोई थ्रिलर फिल्म की कहानी नहीं है, बल्कि अमेरिका के सबसे रहस्यमय हाइजैकिंग मामलों में से एक, डी.बी. कूपर केस है। 1971 में एक अज्ञात व्यक्ति ने नॉर्थवेस्ट एयरलाइंस के विमान को हाईजैक किया, फिर 2 लाख डॉलर की फिरौती लेकर आसमान में कूद गया। इसके बाद वह ऐसा गायब हुआ कि आज तक एफबीआई और अन्य खुफिया एजेंसियां भी उसकी पहचान नहीं कर सकीं। यह घटना आज भी क्राइम और मिस्ट्री की दुनिया का सबसे चर्चित अनसुलझा रहस्य बनी हुई है।
आइए जानते हैं इस रहस्यमय मामले के बारे में!
डी.बी. कूपर कौन था?
24 नवंबर 1971 की शाम, एक रहस्यमय व्यक्ति ने अमेरिका की नॉर्थवेस्ट ओरिएंट एयरलाइंस की फ्लाइट 305 में सवार होकर इतिहास रच दिया। पोर्टलैंड (ओरेगन) से सिएटल (वॉशिंगटन) जा रही इस बोइंग 727 फ्लाइट में वह शख्स 'डैन कूपर' नाम से चढ़ा। उसका पहनावा एक साधारण व्यवसायी जैसा था - काले सूट, सफेद शर्ट, टाई और काले चश्मे में। लेकिन जैसे ही विमान ने उड़ान भरी, उसने एयर होस्टेस को एक नोट दिया, जिसमें लिखा था कि उसके पास एक बम है। शुरू में एयर होस्टेस को यह मजाक लगा, लेकिन जब उसने अपना बैग खोला और बम जैसी चीजें दिखाई, तो हड़कंप मच गया। यहीं से शुरू हुई अमेरिका की सबसे रहस्यमयी हाइजैकिंग की कहानी, जिसने दशकों तक लोगों को उलझाए रखा।
फिरौती और योजना
डी.बी. कूपर ने न केवल विमान को हाईजैक किया, बल्कि उसने अपनी योजना को बेहद सोच-समझकर बनाया। उसने चार पैराशूट (दो मुख्य और दो रिजर्व) और $200,000 नकद की मांग की, जो उस समय एक बड़ी रकम थी, आज की वैल्यू में लगभग $1.4 मिलियन (₹11-12 करोड़) के बराबर। एफबीआई और एयरलाइंस ने यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उसकी सभी मांगें मान लीं। सिएटल में विमान की सुरक्षित लैंडिंग हुई, सभी यात्रियों को रिहा किया गया और कूपर को मांगी गई रकम और पैराशूट सौंप दिए गए। इसके बाद उसने केवल चालक दल के चार सदस्यों को अपने साथ रखा और विमान को मेक्सिको सिटी की ओर उड़ाने का आदेश दिया। उसने कुछ खास उड़ान शर्तें भी रखीं: विमान 10,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर न उड़ाया जाए, गति 200 नॉट्स (लगभग 370 किमी/घंटा) से अधिक न हो, लैंडिंग गियर नीचे रहे, फ्लैप्स 15 डिग्री पर हों, और पीछे का दरवाज़ा यानी ‘एयरस्टेयर’ खुला रखा जाए। इन तकनीकी निर्देशों से साफ था कि कूपर को उड़ान संचालन की अच्छी जानकारी थी।
अदृश्य छलांग - आसमान से गायब
सिएटल से उड़ान भरने के लगभग 30 मिनट बाद, डी.बी. कूपर ने बोइंग 727 के पिछले हिस्से का एयरस्टेयर दरवाज़ा खोला और पैराशूट के साथ छलांग लगा दी। यह छलांग किसी सामान्य स्थिति में नहीं थी, बाहर घना अंधेरा था, मूसलाधार बारिश हो रही थी, और नीचे दक्षिण-पश्चिमी वाशिंगटन का घना जंगल और पहाड़ी इलाका फैला हुआ था। न कोई लैंडिंग साइट तय थी, न ही मौसम उसके पक्ष में था। इसके बावजूद कूपर कूद गया और उसके बाद ऐसा गायब हुआ कि दशकों की खोज, हजारों घंटों की एफबीआई जांच और करोड़ों डॉलर की जांच-पड़ताल के बावजूद उसका कोई सुराग नहीं मिला। न उसका शव मिला, न पैराशूट, और न ही उसकी असली पहचान आज तक उजागर हो सकी। यह दुनिया की सबसे रहस्यमयी और सफल हाइजैकिंग में से एक बन गई।
एफबीआई की जांच और असफलताएँ
डी.बी. कूपर केस को सुलझाने के लिए एफबीआई ने करीब 45 वर्षों तक अथक प्रयास किए। इस दौरान सैकड़ों संदिग्धों से पूछताछ की गई, हजारों सुरागों की जांच की गई, और असंख्य संसाधनों को झोंका गया, लेकिन न तो कूपर की पहचान साबित हो सकी और न ही उसकी किस्मत का कोई संकेत मिला। अंततः जुलाई 2016 में एफबीआई ने आधिकारिक रूप से इस केस की जांच बंद कर दी। जांच के दौरान कई नाम प्रमुख संदिग्धों के रूप में सामने आए। पहला नाम रिचर्ड फ्लॉयड मैककॉय का था, जिसने कूपर जैसी एक और हाइजैकिंग की थी। लेकिन वह पकड़ा गया और बाद में जांच में पाया गया कि वह न तो शारीरिक रूप से मेल खाता था और न ही उस वक्त की लोकेशन उसके पक्ष में थी। दूसरा संदिग्ध केनेथ क्रिस्टियनसन था, जो नॉर्थवेस्ट एयरलाइंस में काम कर चुका था और पैराट्रूपर भी रहा था। उसके भाई ने उस पर शक जताया क्योंकि वह अचानक अमीर हो गया था, लेकिन वह भी शारीरिक विवरण और सबूतों की कमी के चलते संदिग्धों की सूची से हटा दिया गया। तीसरा नाम डुआन वेबर का सामने आया, जिसने मरने से पहले अपनी पत्नी को कबूल किया था कि वह ही डी.बी. कूपर है। हालांकि, एफबीआई को उसके खिलाफ डीएनए या कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं मिला। इन सबके बावजूद, आज तक यह रहस्य बना हुआ है कि असली डी.बी. कूपर कौन था।
संकेत और उनका रहस्य
10 फरवरी 1980 को डी.बी. कूपर केस में एक नई उम्मीद तब जगी जब वाशिंगटन राज्य के कोलंबिया नदी के किनारे स्थित टीना बार नामक स्थान पर 8 वर्षीय ब्रायन इंग्राम को रेत में दबे तीन पैकेटों में कुल $5,800 की राशि मिली। ये सभी बीस डॉलर के नोट थे, जिनके सीरियल नंबर कूपर को दी गई फिरौती की रकम से मेल खाते थे। यह खोज चौंकाने वाली थी, क्योंकि इससे यह संभावना बनी कि कूपर या तो मर चुका था और पैसे बहते हुए वहां पहुंचे, या फिर उसने खुद ही रकम का कुछ हिस्सा वहां फेंक दिया हो। हालांकि यह महज अटकलें थीं, क्योंकि उसके जीवित या मृत होने का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला। आश्चर्य की बात यह है कि कुल $200,000 में से केवल यही रकम अब तक मिली है। कूपर का पैराशूट, बाकी नोट या कोई अन्य सामान कभी नहीं मिला। विमान के अंदर से केवल उसकी एक टाई और टाई-क्लिप बरामद हुई थी। इतने वर्षों बाद भी यह रहस्य बना हुआ है कि बाकी पैसे कहां गए, कूपर का क्या हुआ, और उसने छलांग के बाद वास्तव में क्या किया।
कूपर के भागने से जुड़ी प्रमुख थ्योरीज़
डी.बी. कूपर की रहस्यमयी छलांग के बाद उसकी किस्मत को लेकर कई थ्योरीज़ सामने आईं, जिनमें से तीन सबसे अधिक चर्चित रही हैं।
• पहली थ्योरी यह मानती है कि कूपर कूदने के तुरंत बाद ही मारा गया। खराब मौसम, घना जंगल, अंधेरा और जोखिम भरी छलांग को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि वह सुरक्षित लैंड नहीं कर पाया होगा। 1980 में कोलंबिया नदी के किनारे फिरौती के कुछ नोट मिलने से इस आशंका को बल मिला, लेकिन उसका शव या पैराशूट कभी नहीं मिला, जिससे रहस्य और गहरा गया।
• दूसरी थ्योरी यह कहती है कि कूपर जीवित बच गया और उसने अपनी पहचान बदल ली। कुछ लोग मानते हैं कि उसने सामान्य जीवन अपना लिया या वह देश छोड़कर कहीं और चला गया। एफबीआई ने इस दिशा में कई संदिग्धों की जांच की, लेकिन निर्णायक सबूत किसी के खिलाफ नहीं मिले।
• तीसरी और सबसे विवादास्पद थ्योरी यह है कि यह पूरी घटना किसी एयरलाइंस कर्मचारी या चालक दल की अंदरूनी साजिश थी। हालांकि इस पर कभी कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला, लेकिन समय-समय पर इस थ्योरी पर भी बहस होती रही है.
एफबीआई ने केस बंद किया, लेकिन रहस्य अब भी ज़िंदा है
जुलाई 2016 में एफबीआई ने करीब 45 वर्षों तक चली विस्तृत जांच के बाद डी.बी. कूपर केस की सक्रिय जांच को आधिकारिक रूप से बंद करने की घोषणा की। एजेंसी का कहना था कि इस मामले में अब तक कोई नया ठोस सबूत नहीं मिला है और उनके संसाधनों को अन्य प्राथमिक मामलों में लगाया जाना चाहिए। हालांकि, इसके बावजूद यह रहस्य सार्वजनिक डोमेन में आज भी जीवित है। एफबीआई की केस फाइलें अब आम जनता के लिए उपलब्ध हैं और डी.बी. कूपर की कहानी मीडिया, डॉक्यूमेंट्रीज़, किताबों, फिल्मों और वेब सीरीज़ के ज़रिए लगातार लोगों की जिज्ञासा का केंद्र बनी हुई है। नेटफ्लिक्स की लोकप्रिय डॉक्यूमेंट्री 'D.B. Cooper: Where Are You?' और डिस्कवरी चैनल की स्पेशल रिपोर्ट्स ने इस रहस्य को नई पीढ़ियों तक पहुंचाया है, जिससे यह केस एक सांस्कृतिक प्रतीक बन चुका है, एक ऐसा रहस्य, जो कभी पुराना नहीं पड़ता।
कूपर - अपराधी या हीरो?
दिलचस्प बात यह है कि, डी.बी. कूपर को कई लोग एक नायक, यहां तक कि 'आधुनिक रॉबिन हूड' के रूप में भी देखते हैं। उसका यह कदम एक ऐसा अपराध माना जाता है जिसमें किसी की जान नहीं गई, न ही किसी को शारीरिक क्षति पहुँची। उसने केवल फिरौती की रकम ली और रहस्यमय अंदाज़ में गायब हो गया। यही कारण है कि मीडिया और पॉप कल्चर में उसे एक चतुर, साहसी और 'क्राइम जीनियस' के रूप में प्रस्तुत किया गया है। उसके कारनामे को कई लोग 'अपराध नहीं, बल्कि कला' मानते हैं। जिसमें रोमांच, सावधानीपूर्वक योजना और रहस्य का अनोखा मिश्रण था। कूपर का यह साहसिक कदम आज भी लोगों की कल्पना और उत्सुकता को जगा कर रखता है।
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